परली बैजनाथ महादेव

परली वैद्यनाथ
महाराष्ट्र राज्य के मराठवाडा क्षेत्र के बीड़ जिले में स्थित है धार्मिक नगर परली वैजनाथ (परली वैद्यनाथ), और यहाँ पर स्थित है भगवान शिव का सुप्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग मंदिर, जिसमें विराजते हैं भगवान् वैद्यनाथ जो की शिवपुराण के कोटिरुद्रसंहिता के 27 वें अध्याय के अंतर्गत वर्णित द्वादशज्योतिर्लिंगस्तोत्रं के अनुसार भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं. हालाँकि जैसे मैंने अपनी पिछली पोस्ट में बताया की इस ज्योतिर्लिंग के स्थान के बारे में भी लोगों के बिच मतभेद है तथा बहुत से लोग मानते हैं की यह ज्योतिर्लिंग झारखण्ड के देवघर में स्थित बैद्यनाथ धाम मंदिर में स्थित है, फिर भी भक्तों का एक बड़ा वर्ग मानता है की बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग परली में ही है.
भारत के नक़्शे पर कन्याकुमारी से उज्जैन के बीच अगर एक मध्य रेखा खिंची जाय तो उस रेखा पर आपको परली गाँव दिखाई देगा, यह गाँव मेरु पर्वत अथवा नागनारायण पहाड़ की एक ढलान पर बसा है. ब्रम्हा, वेणु और सरस्वती नदियों के आसपास बसा परली एक प्राचीन गाँव है तथा यहाँ पर विद्युत् निर्माण का बहुत बड़ा थर्मल पॉवर स्टेशन है. गाँव के आसपास का क्षेत्र पुराण कालीन घटनाओं का साक्षी है अतः इस गाँव को विशेष महत्व प्राप्त हुआ है.
पौराणिक किवदंती:
देव दानवों द्वारा किये गए अमृत मंथन से चौदह रत्न निकले थे, उनमें धन्वन्तरी और अमृत दो रत्न थे. अमृत को प्राप्त करने दानव दौड़े तब श्री विष्णु ने अमृत के साथ धन्वन्तरी को एक शिवलिंग में छुपा दिया था. दानवों ने जैसे ही उस शिवलिंग को छूने की कोशिश की वैसे ही शिवलिंग में से ज्वालायें निकलने लगी, लेकिन जब उसे शिवभक्तों ने छुआ तो उसमें से अमृतधारा निकलने लगी, ऐसा माना जाता है की परली वैद्यनाथ वही शिवलिंग है, अमृत युक्त होने के कारण ही इसे वैद्यनाथ (स्वास्थ्य का देवता ) कहा जाता है.